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Justice For Mahesh Kumar Verma

Justice For Mahesh Kumar Verma--------------------------------------------Alamgang PS Case No....

Posted by Justice For Mahesh Kumar Verma on Thursday, 27 August 2015

Saturday, July 26, 2008

महापाप

इसमें कोई दो राय नहीं कि कन्या भ्रूण हत्या बढ़ने का सर्वाधिक मुख्य कारण संतान के रूप में लड़की की चाह न होकर लड़का की चाह होना रहता है।



अतः जबतक समाज की मानसिकता को बदलकर नर व नारी एक सामान की भावना नहीं लाई जाएगी तबतक इस समस्या से निजात पाना मुश्किल है। और इसके लिए समाज को ही सोचना पड़ेगा व आगे आना पड़ेगा।



फिर आख़िर संतान के रूप में लोग लड़की क्यों नहीं चाहते हैं? हमें इस पर भी सोचना चाहिए और इसमें जो कारण उचित हों उसे दूर करने का उपाय समाज को ही करना होगा। ऐसे ही कारणों में से एक कारण है : दहेज-समस्या।



हमारी समाज दहेज रूपी दानव को नष्ट करने का कोई पहल नहीं करती है, पर जन्म से पूर्व अपने ही संतान को नष्ट करने का पहल जरुर करती है। सोचिए आख़िर कितनी संकीर्ण व नीच विचारधारा की है हमारी समाज। ......... और यदि हमारी समाज इतनी नीच विचारधारा की है तो हमें समाज के इस विचारधारा का विरोध करने में संकोच नहीं करना चाहिए।


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फिर कन्या भ्रूण हत्या ही क्यों , नर या मादा किसी भी प्रकार की भ्रूण हत्या महापाप है। उस माँ-बाप के लिए अपने संतान के प्रति इससे बड़ा कुकर्म और क्या होगा, जिसने ख़ुद संतान के जन्म के लिए प्रयोजन किया व फिर जन्म से पहले ही अपने ही संतान को नष्ट कर दिया।


कन्या भ्रूण हत्या ही नहीं किसी भी लिंग की भ्रूण हत्या महापाप है।


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कन्या भ्रूण हत्या : एक घिनौना कार्य

मुझे भी जन्म लेने दो

Friday, July 25, 2008

संतमत आश्रम या अपराध का अड्डा

नीचे के समाचार को पढ़ें व विचारे:

जब संतमत-सत्संग के आश्रम में इस प्रकार की घटना हो सकती है तो अन्य जगह ऐसी घटना नहीं होगी यह कैसी सुनिश्चित की जाएगी? जो संतमत-सत्संग ख़ुद अपने प्रमुख आश्रम को व अपने प्रमुख संतों को सुरक्षित नहीं रख सकी तथा आरोपी भी प्रमुख संत-महात्मा ही है, वह संतमत-सत्संग कैसे शान्ति फैलाएगी? कैसे अब लोग इन साधु-महात्माओं पर विश्वास करे???

ताजा समाचार है कि जिन्हें गोली लगी उनहोंने कल यानि २४.०७.२००८ को दम तोड़ दिया।

अब आप सोचें कि अध्यात्म के आड़ में संतमत-सत्संग का आश्रम क्या अपराध का अड्डा नहीं बन रहा है?

शान्ति के संदेश देने वाले साधु-महात्मा क्या अपराध नहीं कर रहे हैं?

तो नीचे २३.०७.२००८ के समाचार-पत्र का समाचार पढें व विचारें। उल्लेखनिए है कि साधु दयानंद ने २४.०७.२००८ को दम तोड़ दिया है।

http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=3&edition=2008-07-23&pageno=1#

http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=3&edition=2008-07-23&pageno=17#

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भागलपुर, अपराध संवाददाता : जिले के बरारी थाना अंतर्गत कुप्पा घाट स्थित महर्षि मेही आश्रम पर कब्जे को लेकर सोमवार की देर रात आश्रम के एक साधु दयानंद दास को गोली मार दी गई। जिन्हें गंभीर हालत में जेएलएनएमसीएच में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इस संबंध में स्वामी दयानंद के बयान पर मंगलवार को आश्रम के चार पदाधिकारियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिनमें महर्षि मेंही आश्रम में कब्जे को लेकर साधु को मारी गोली महर्षि मेंही आश्रम .. अखिल भारतीय संतमत सतसंग महासभा के आशुतोष बाबा, महामंत्री करुनेश्वर सिंह, सह मंत्री राजेन्द्र सिंह व प्रबंधक महापात्रा बाबा के नाम शामिल हैं। इधर, देर शाम डीआईजी रघुनाथ प्रसाद सिंह आश्रम पहुंच मौके का जायजा लिया तथा घटना को आश्रम विवाद का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उधर, एसपी कुंदन कृष्णन को आशंका है कि महंत को उसकी ही रिवाल्वर से गोली लगी है। यदि हत्या की नीयत से गोली चलाई गई होती तो गोली कमर की नीचले हिस्से में क्यों लगती। फिर भी मामले की जांच की जा रही है। सुपौल जिले के करजाइन बाजार निवासी वैद्यनाथ प्रसाद यादव के पुत्र स्वामी दयानंद दास ने प्राथमिकी में कहा है कि वह गुरुमहाराज के समाधि स्थल के पीछे स्थित कमरा नंबर तीन में सो रहे थे तथा कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। इसी बीच रात के पौने तीन बजे के करीब उसके कमर में गोली मार दी गई। गोली लगते ही वे विस्तर से नीचे गिर चिल्लाने लगे परन्तु वहां कोई नहीं आया। बाद में उन्हें मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि नामजद चारों लोग मिलकर आश्रम से उसे निकालवाना चाहते थे। क्योंकि आश्रम में हो रहे गोरख धंधे की उसे जानकारी थी। इसके अलावा वे आशुतोष बाबा का आचार्य के उत्तराधिकारी बनने का भी विरोध करते थे। उन्होंने बताया कि उनके मित्र पंकज दास को जबसे आश्रम से बाहर निकाला गया है तब से उसने आशुतोष बाबा को प्रणाम करना तक बंद कर दिया था। इस बात को लेकर भी आशुतोष बाबा नाखुश थे। इन्हीं सब कारणों से एक साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया। इस संबंध में कमरा नंबर एक में रहनेवाले मोनू बाबा, कमरा नंबर पांच के तेजनारायण जो आश्रम की खेती करते हैं तथा सामने वाले कमरे में रहने वाले सफाईकर्मी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि वे लोग सो रहे थे। जिस समय घटना घटी उस समय बिजली नहीं थी। इन लोगों का कहना है कि घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया तथा घटना के वक्त मोनू बाबा व तेजनारायण के कमरे को भी बाहर से बंद कर दिया गया था। इधर, मंत्री राजेन्द्र सिंह, व्यवस्थापक महापात्रा व आशुतोष बाबा ने लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है। इनलोगों ने दयानंद दास को आश्रम से निकालने की बात को गलत करार देते हुए कहा कि आश्रम के लोग ऐसी घिनौनी हरकत नहीं करेंगे। उनलोगों ने बताया कि महामंत्री करूणेश्र्वर सिंह 19 जुलाई से ही बाहर हैं। घटना के कारणों के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए इन लोगों ने इसकी निंदा की है। जांच पूर्व निर्णय तक पहुंचना जल्दबाजी : हरिनंदन बाबा भागलपुर : महर्षि मेंही आश्रम के आचार्य स्वामी हरिनंदन बाबा ने कहा कि घटना की जानकारी उन्हें वार्निग घंटी के बाद रात्रि करीब पौने तीन बजे हुई। हालांकि घटना की वास्तविकता का अब तक उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि घटना को अंजाम बाहरी तत्वों या फिर आश्रम के लोगों द्वारा दिया गया है यह विचारनीय बिंदु है। इसकी गहन जांच कराई जाएगी तथा जांच पूर्व किसी निर्णय तक पहुंचना जल्दबाजी होगी। इस घटना से आश्रम की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। उन्होंने वर्तमान में आश्रम में किसी तरह के विवाद से भी इनकार किया है। व्यवस्था में कमी की बात मानते हुए उन्होंने कहा कि देर शाम आश्रम में आए बाहरी लोगों एवं कमरों की अच्छी तरह जांच होनी चाहिए। जांच में कोताही बरतने का नतीजा सामने है।

Tuesday, July 22, 2008

मुझे भी जन्म लेने दो

तुम मुझे क्यों मारना चाहते हो
मैं बेटी बनकर जन्म ले रही हूँ इसीलिए
मेरे बेटी होना से तुम क्यों घबराते हो
दहेज़ के कारण
या बेटी को पराया धन समझते हो
पर तुम्हारा सोचना व्यर्थ है
बेटी पराया धन नहीं है
तुम मुझे उचित शिक्षा देना
मेरे साथ पराये का व्यव्हार न करना
तब तुम देखोगे कि
बेटी बेटा से कहीं अधिक आगे व शुखदायक है
और तब दहेज़ की समस्या भी ख़त्म हो जाएगी
क्या सोचते हो
मेरे जन्म से तुम्हें मोक्ष या परमात्मा-प्राप्ति में संदेह है
पर तुम्हें यह समझाना चाहिए कि
मोक्ष या परमात्मा-प्राप्ति
संतान के बेटा या बेटी होने पर निर्भर नहीं करता है
यह निर्भर करता है तुम्हारे ध्यान-साधना व तुम्हारे किए कर्म पर
फिर क्या मुझे जन्म से पहले ही मार देने पर
तुम्हें मोक्ष या परमात्मा की प्राप्ति हो जाएगी
कभी नहीं, कभी नही, कभी नहीं
तब फिर तुम मुझे क्यों मारना चाहते हो
तुम्हारी सारी सोच निराधार है
तुमने ही मुझे जन्म लेने के लिए प्रयोजन किया
फिर तुम ही मुझे जन्म से पहले ही मारने का प्रयोजन कर रहे हो
सिर्फ इसीलिए कि मैं नारी जाति का हूँ
पर तुम यह मत भूलो कि
मैं जिसके कोख से जन्म लेने वाली हूँ
वह भी नारी ही है
मुझे जन्म देने वाली माँ भी नारी के कोख से ही जन्म ली है
तुम भी नारी के ही कोख से जन्म लिए हो
इतना ही नहीं
सभी नर व नारी नारी के ही कोख से जन्म लिए हैं
तब फिर तुम मुझे जन्म लेने से क्यों रोकते हो
शायद अब तुम समझ गए होगे कि
नारी बिना यह सृष्टि नहीं चल सकती है
व बेटी पराया नहीं अपना है
मेरे जन्म के प्रयोजन करने वाले मेरे माता-पिता
तुमसे मेरी यही आग्रह है कि
मुझे मारने का प्रयोजन मत करो
व मुझे मत मारो
मुझे भी जन्म लेने दो
मुझे भी जन्म लेने दो


रचनाकार : महेश कुमार वर्मा
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Sunday, July 20, 2008

कन्या भ्रूण हत्या : एक घिनौना कार्य

भ्रूण हत्या एक जघन्य अपराध है व यह मानव जाति के लिए कलंक है। हरेक सफलता के पीछे एक नारी का हाथ होता है और जब हम उस नारी जाति के भ्रूण को जन्म से पहले ही नष्ट कर देते हैं तो इस मनुष्य के लिए इससे बड़ी कलंक की बात और क्या हो सकती है? धिक्कार है उसको जो किसी भी प्रकार से भ्रूण हत्या में लिप्त हैं........


यह कहना किसी भी अर्थ में सही नहीं है कि बेटा या पुत्र से ही उद्धार होता है। ........आज तो ऐसा कई बार देखा गया है कि पिता जिस पुत्र से आशा रखता है वही पुत्र उसके मृत्यु का कारण भी बनता है। ........... यदि हम आध्यात्म में गहरे तक जाएँ तो हम इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते कि मोक्ष या उद्धार ईश्वर प्राप्ति संतान के नर या मादा होने पर कभी भी निर्भर नहीं करता है।जिस नारी जाति से सारी मनुष्य जाति चाहे वह नर हो या मादा का जन्म होता है, उस नारी जाति के भ्रूण को जन्म से पहले ही नष्ट कर देना या उससे घृणा करना मनुष्य के लिए एक घिनौना कार्य ही है। ................

--महेश कुमार वर्मा

दिनांक : २०।०७।२००८

स्थान : पटना

लेखक : MAHESH KUMAR VERMA

पता : DTDC Courier Office,

Satyanarayan Market,

Opposite Maruti (KARLO) Show Room,

Boring Road, Patna (Bihar)

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E-mail ID : vermamahesh7@gmail.com

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भ्रूण हत्या एक जघन्य अपराध

जघन्य अपराध

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